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वित्तीय बाजार प्रभाग

परिचय

वित्तीय बाजार प्रभाग मुख्य रूप से प्रतिभूति बाजारों के विकास से संबंधित नीतिगत मुद्दों और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा), 1999 के तहत बाह्य वाणिज्यिक उधारी और विदेशी पोर्टफोलियो प्रवाह जैसे प्रासंगिक मामलों के लिए जिम्मेदार है। 2013 से, प्रभाग को कमोडिटी डेरिवेटिव बाजारों के विकास का काम सौंपा गया है। प्रभाग भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) के प्रशासनिक मामलों को देखता है। प्रभाग यूएसए, यूके और जापान आदि जैसे देशों के साथ वित्तीय बाजार विनियामक संवादों की सुविधा प्रदान करता है और ऐसे अन्य अंतर्राष्ट्रीय संवादों और सहयोग में संलग्न है।

एफएम प्रभाग सेबी अधिनियम, प्रतिभूति संविदा विनियमन (एससीआरए) अधिनियम 1956, डिपॉजिटरी अधिनियम, 1996 और भारतीय ट्रस्ट अधिनियम, 1882 की धारा 20 और उसके तहत संबंधित विनियमों और अधिसूचनाओं के प्रशासन के लिए जिम्मेदार है। पूर्ववर्ती वायदा अनुबंध (विनियमन) अधिनियम, 1952 से संबंधित मुद्दों पर भी एफएम प्रभाग द्वारा कार्रवाई की जाती है।

प्रभाग का अधिदेश

इस प्रभाग का लक्ष्य भारत को वित्तीय बाजारों में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना है जो मजबूत, पारदर्शी और कुशल हों, सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा दें और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करें। हमारा लक्ष्य एक ऐसा वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र शामिल करना है जो समावेशी हो, व्यापक-आधारित आर्थिक विकास को सुविधाजनक बनाए और प्रत्येक नागरिक को वित्तीय सेवाओं और धन सृजन के अवसरों तक पहुँच प्रदान करके सशक्त बनाए।

वित्तीय बाजार प्रभाग हमारे दृष्टिकोण और मिशन को साकार करने के लिए नियामक निकायों, बाजार प्रतिभागियों, शैक्षणिक संस्थानों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों सहित सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम पारदर्शिता, ईमानदारी और जवाबदेही के साथ काम करने की प्रतिज्ञा करते हैं, लगातार एक वित्तीय बाजार वातावरण को बढ़ावा देने में अपनी प्रभावशीलता में सुधार करने की कोशिश करते हैं जो आर्थिक समृद्धि और सामाजिक कल्याण के माध्यम से समावेशी विकास के लिए 2047 तक भारत की आकांक्षाओं का समर्थन करता है।

योजना

आर्थिक कार्य विभाग ने कॉरपोरेट ऋण बाजार विकास निधि (सीडीएमडीएफ) द्वारा जुटाए जाने वाले ऋण के खिलाफ गारंटी कवर प्रदान करने के उद्देश्य से 26 जुलाई 2023 की राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से कॉरपोरेट ऋण (जीएससीडी) के लिए गारंटी योजना की शुरूआत को अधिसूचित किया है, जो बाजार में अव्यवस्था के समय कॉरपोरेट ऋण बाजार में बैकस्टॉप के रूप में कार्य करेगा। इस योजना के तहत, वित्त वर्ष 2023-24 से 2028-29 तक छह वर्षों में जीएफसीडी (ट्रस्ट) को

सम्पर्क करने का विवरण

About the Division

Introduction

Financial Markets Division is primarily responsible for policy issues related to the development of the securities markets and matters incidental thereto like, External Commercial Borrowings and Foreign Portfolio flows under Foreign Exchange Management Act (FEMA), 1999. Since 2013, the Division is entrusted with the development of commodity derivative markets. The division looks after the administrative matters of the Securities and Exchange Board of India (SEBI) and Securities Appellate Tribunal (SAT). The division facilitates the sovereign credit rating by various credit rating agencies and financial dialogues with USA, UK and Japan.

FM Division is responsible for the administration of SEBI Act, Securities Contracts Regulation (SCRA) Act 1956, Depositories Act, 1996 and Section 20 of the Indian Trust Act, 1882 and related regulations and notifications thereunder. Issues related to erstwhile Forward Contracts (Regulation) Act, 1952 is also handled in the FM Division. Sections in Financial Market Division.

The various Sections and their work allocation are given below (each of the sections handle the parliament questions, grievances, RTIs, court cases miscellaneous references etc. belonging to their work areas) :

प्राथमिक बाज़ार (पीएम)

  • पूंजी के आरंभिक और आगे के निर्गम और संबंधित मध्यस्थों से संबंधित मुद्दों पर नीति तैयार करना
    • म्युचुअल फंड
    • प्राथमिक इक्विटी बाजार, लिस्टिंग नियम
    • सामूहिक निवेश योजनाएँ
    • वैकल्पिक निवेश निधि
    • घरेलू क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां
    • न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंड
    • मर्चेंट बैंक आदि।
  • विलय, अधिग्रहण और उपार्जन से संबंधित नीतिगत मुद्दे
  • कॉर्पोरेट बांड बाजार का विकास
  • वित्तीय साक्षरता
  • कंपनियों का कॉर्पोरेट प्रशासन
  • कॉर्पोरेट ऋण के लिए गारंटी योजना का प्रशासन (जीएससीडी)
  • सेबी की बोर्ड बैठकों के एजेंडा आइटम के बारे में नीति निर्धारण (प्राथमिक जिम्मेदारी)
  • सभी मंत्रिमंडल हेतु नोट के मसौदों की जांच करना और टिप्पणियाँ प्रस्तुत करना
  • सेबी अधिनियम और संबंधित नियम और विनियम
  • डीईए-एजेएनआईएफएम अनुसंधान कार्यक्रम का समन्वय
  • गैर-सरकारी भविष्य निधि, सेवानिवृत्ति निधि और ग्रेच्युटी निधि के लिए निवेश दिशानिर्देश

संस्थाएँ : सेबी
बाह्य क्षेत्रीय प्रभार : शून्य
मंत्रालय/विभाग : कारपोरेट कार्य मंत्रालय
राज्य : शून्य
विधायन : भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 (सेबी अधिनियम)

अधिकारियों का नाम और पदनाम :


द्वितीयक बाज़ार और निवेशक शिकायतें

द्वितीयक बाज़ार

  • द्वितीयक बाजार और संबंधित मध्यस्थों और प्रतिभागियों (स्टॉक एक्सचेंज, क्लियरिंग कॉरपोरेशन, डिपॉजिटरी, उनके प्रतिभागी, ट्रेडिंग सदस्य, निवेश सलाहकार आदि), उनके स्वामित्व और शासन आदि से संबंधित नीतिगत मुद्दे।
  • एसएमई एक्सचेंज/सोशल स्टॉक एक्सचेंज जैसे नए खंड/प्रतिभूतियों में व्यापार के लिए प्लेटफॉर्म/क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म
  • प्रतिभूति बाजार/कर बचत योजनाओं में कर और स्टाम्प शुल्क
  • कंपनियों और संबंधित नीतिगत मुद्दों को सूचीबद्ध करना
  • सभी वित्तीय परिसंपत्तियों के लिए एक ही डीमैट खाता बनाना
  • प्रतिभूति बाजार से संबंधित डेटाबेस और शेयर बाजार की गतिविधियों की निगरानी
  • खुदरा निवेशकों के लिए सरकारी प्रतिभूतियों के निर्बाध हस्तांतरण के लिए सेबी और आरबीआई डिपॉजिटरी के बीच इंटर-ओपरेबिलिटी
  • स्व-नियामक संगठन
  • बाजार के बुनियादी ढांचे/व्यापार प्रौद्योगिकी से संबंधित मामलों की साइबर सुरक्षा
  • वित्तीय उत्पादों के वितरकों/वितरण का विनियमन
  • सेबी, एक्सचेंजों और डिपॉजिटरी में निवेशकों की शिक्षा और सुरक्षा निधि से संबंधित मामले
  • निष्‍क्रिय डीमैट खातों संबंधी नीति
  • प्रतिभूति अनुबंध (विनियम) अधिनियम, 1956 और संबंधित नियम और विनियम
  • डिपॉजिटरी अधिनियम 1956 और संबंधित नियम और विनियम

संस्थाएँ : स्टॉक एक्सचेंज, क्लियरिंग कॉर्पोरेशन, डिपॉजिटरीज़
बाह्य क्षेत्रीय प्रभार : शून्य
मंत्रालय/विभाग : शून्य
राज्य : शून्य
विधायन :
प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम, 1956 (1956 का 42),
डिपॉजिटरी अधिनियम, 1996 (1996 का 22)

अधिकारियों का विवरण :


जेपीसी और निवेशकों की शिकायतें

  • भारतीय ट्रस्ट अधिनियम 1882 की धारा 20 से संबंधित मामले
  • शेयर बाजार घोटालों और तत्संबंधी मामलों पर संयुक्त संसदीय समिति की सिफारिशों पर की गई कार्रवाई संबंधी प्रगति रिपोर्ट तैयार करना (जेपीसी)
  • निज़ाम ट्रस्ट से संबंधित मामले
  • एफएम प्रभाग/अन्य को स्थानांतरित मामलों से संबंधित निवेशकों की शिकायतों (इलेक्ट्रॉनिक और भौतिक) का समाधान संबंधित प्राधिकारी को अभ्यावेदन
  • भारत में निवेशकों की शिकायत के लिए उपलब्‍ध निवारण तंत्र में अपेक्षित सुधारों पर अध्ययन/सर्वेक्षण

संस्थाएँ : सेबी
बाह्य क्षेत्रीय प्रभार : शून्य
मंत्रालय/विभाग : शून्य
राज्य : बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश
विधायन : भारतीय न्यास अधिनियम, 1882 (धारा 20)

अधिकारियों का विवरण :


ईएम और ईसीबी अनुभाग

विदेशी बाजार (ईएम) अनुभाग

  • विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 का प्रशासन
  • विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 के तहत बनाए गए नियमों और विनियमों से संबंधित सभी संदर्भों, मामलों और प्रस्तावों पर कार्रवाई करना
  • विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में संपर्क कार्यालय/शाखा कार्यालय/परियोजना कार्यालय की स्थापना से संबंधित मामले देखना
  • विदेशी लोगों /गैर-निवासियों द्वारा अनिवासी साधारण (एनआरओ) और अनिवासी रुपया (एनआरई) खाते खोलने से संबंधित मामले
  • ईरान के साथ व्यापार भुगतान निपटान तंत्र से संबंधित मामले
  • राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्यमंत्रियों/मंत्रियों/विधायकों/प्रशासकों/अधिकारियों की विदेशी यात्रा से संबंधित मामले
  • विदेशी लोगों /गैर-निवासी भारतीयों द्वारा भारत में अचल संपत्ति की खरीद को मंजूरी
  • विधान सभाओं के अध्यक्षों और सदस्यों की वार्षिक राष्ट्रमंडल संसदीय संघ सम्मेलन संबंधी यात्राओं हेतु सुविधा प्रदान करना

संस्थान : भारतीय रिज़र्व बैंक (फेमा से संबंधित मामलों के लिए)
बाह्य प्रादेशिक प्रभार : शून्य
मंत्रालय/विभाग : कानून एवं न्याय मंत्रालय, संसदीय कार्य मंत्रालय के सभी विभाग
राज्य : शून्य
विधान : विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999

अधिकारियों का विवरण :

विदेशी वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) अनुभाग

  • विदेशी वाणिज्यिक उधार, विदेशी मुद्रा बांड और व्यापार क्रेडिट से संबंधित नीतिगत मुद्दे
  • अपतटीय बाजार [मसाला बांड] में रुपये के मूल्यवर्ग वाले बांड संबंधी रूपरेखा।
  • भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) विनियम, 2014 से संबंधित नीतिगत मामले
  • सरकारी प्रतिभूतियों और कॉर्पोरेट बांडों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा निवेश की रूपरेखा
  • निक्षेपागार प्राप्ति योजना (एडीआर/जीडीआर) से संबंधित मामले
  • भारत निक्षेपागार प्राप्तियां/भारतीय निक्षेपागार प्राप्तियों (बीएचडीआर/आईडीआर) से संबंधित मामले
  • भारत में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों से संबंधित नीतिगत मामले
  • भारतीय ऋण प्रतिभूतियों के अंतर्राष्ट्रीय निपटान से संबंधित मामले (यूरोक्लियर और क्लियर स्ट्रीम के माध्यम से)
  • स्थानीय मुद्रा वित्तपोषण व्यवस्थाओं और वैश्विक बांड सूचकांकों से संबंधित संदर्भ।
  • भारत में मुद्रा व्युत्पन्न बाजारों (ओटीसी और एक्सचेंज ट्रेडेड) और ब्याज दर भावी सौदों से संबंधित नीतिगत मुद्दे।
  • सुकुक बांड से संबंधित मुद्दे
  • द्विपक्षीय/बहुपक्षीय मुद्रा विनिमय समझौतों से संबंधित मुद्दे
  • भारत और विदेशों में विदेशी निवेशकों के साथ रोड-शो और निवेशक बैठकें आयोजित करना
  • वित्तीय बाजारों से संबंधित ब्रिक्स और जी-20 मामले
  • आंतरिक/अंतर-सरकारी एजेंसियों के उपयोग के लिए विदेशी बाजार क्षेत्र का संक्षिप्त विवरण और डेटा चार्ट तैयार करना।

संस्थान : फेमा, 1999 से संबंधित मामलों के लिए - भारतीय रिज़र्व बैंक, और सेबी (विदेशी पोर्टफोलियो निवेश) विनियम
, 2014 से संबंधित मामलों के लिए - भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड
बाह्य प्रादेशिक प्रभार : शून्य
मंत्रालय/विभाग: : शून्य
राज्य : शून्य
विधान : शून्य .

अधिकारियों का विवरण :


कमोडिटी डेरिवेटिव बाजार और समन्वय

कमोडिटी डेरिवेटिव

  • वस्तु/कमोडिटी पर कमोडिटी डेरिवेटिव, मार्केट और अन्य डेरिवेटिव उत्पादों के विकास से संबंधित नीतिगत मामलेः नए उत्पादों/संविदाओं संबंधी नीतिगत मुद्दे, घरेलू और विदेशी नए भागीदारों का प्रवेश, प्रतिभूति बाजार के साथ नियमों और प्रक्रियाओं का सामंजस्य, सरकारी कंपनियों/किसानों द्वारा हैजिंग आदि जैसे विभिन्न नीतिगत मुद्दे।
  • व्यापार के लिए वस्तुओं को अधिसूचित करना : विभिन्न अधिसूचित वस्तुओं/विकल्प संविदाओं में वायदा कारोबार की बहाली/निलंबन।
  • कमोडिटी डेरिवेटिव, व्यापार से संबंधित मामले: जोड़तोड़, अटकलों आदि के मामले।
  • आवश्यक वस्तुओं की मूल्य वृद्धि आदि पर अंतर-मंत्रालयी समितियों में वायदा बाजार संबंधी मामलों में आर्थिक कार्य विभाग का प्रतिनिधित्व करना।
  • कमोडिटिव बाजारों के नीतिगत मामले जैसे वितरण व्यवस्था, डब्ल्यूडीआरए और उपभोक्ता मामले मंत्रालय के साथ स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा प्रत्यायित गोदामों से संबंधित मामले।
  • नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड, पूर्ववर्ती एफसीआरए और एफएमसी से संबंधित मामलेः कानून के उल्लंघन, दांडिक अपराधों और एनएसईएल में भुगतान संकट से उत्पन्न निवेशकों को भुगतान में चूक के लिए जांच और प्रवर्तन एजेंसियों और नियामक प्राधिकरणों द्वारा की गई कार्रवाई की निगरानी करते हैं, एनएसईएल से संबंधित मामलों की तिमाही रिपोर्ट पीएमओ को भेजते हैं, और एनएसईएल से संबंधित विभिन्न अदालती मामलों में भारत सरकार का पक्ष रखते हैं।
  • सेबी बोर्ड की कार्यसूची में संगत मदों का मूल्यांकन।
  • (इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रसीद) ईजीआर और गोल्ड स्पॉट एक्सचेंज से संबंधित मामले
  • कमोडिटी डेरिवेटिव मार्केट से संबंधित बजट घोषणाएं
  • संसदीय प्रश्न, आरटीआई, शिकायतें कमोडिटी डेरिवेटिव मार्केट से संबंधित शिकायतें और एनएसईएल से संबंधित मामले।
  • एनएसई, बीएसई और एनसीडीईएक्स और एमसीएक्स एक्सचेंज तथा एनसीडीईएक्स और एमसीएक्स से संबंधित मामले।
  • कमोडिटी डेरिवेटिव बाजार से संबंधित कौशल विकास क्षमता निर्माण और जागरूकता पहलें।

संस्थान : शून्य
बाह्य क्षेत्रीय प्रभार : शून्य
मंत्रालय/विभाग : शून्य राज्य : शून्य
विधायक : अग्रिम संविदा (विनियमन) अधिनियम, 1952 (निरस्त).

अधिकारियों का विवरण :


FM Division Coordination

  • Internal Coordination within FM Division
  • Monitoring the updation of e.Samiksha :
    • VIP/PMO/Cab Sec References
    • Coordination of Budget implementation related matters for FM Division
    • Matters related to the Senior Management Group (SMG) meetings w.r.t. FM Division
  • Monitoring Parliamentary Assurances (OAMS portal)
  • Monitoring Court Cases on LIMBS Portal
  • Information/Inputs on issues sought by Admin(Coord),Economic Division and others
  • Website udpation
  • Work management matters within FM Division
  • Internship management within FM Division

Institutions : Nil
External Territorial Charge : Nil
Ministries/Departments : Nil
States : Nil
Legislations : Nil

अधिकारियों का विवरण :


अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए)

  • आईएफएससीए अधिनियम, 2019 का प्रशासन और अधिनियम के तहत अधीनस्थ विधान बनाना
  • आईएफएससीए अधिनियम, 2019 और संबंधित नियमों और विनियमों से संबंधित मुद्दों पर नीति बनाना
  • आईएफएससी प्राधिकरण की बैठकों की कार्यसूची मदों पर नीति को स्पष्ट करना
  • आईएफएससी के वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में मूल (कोर) और विशिष्ट (निच) क्षेत्र के समग्र विकास को विभिन्न क्षेत्रों में अंतर विभागीय समन्वय के माध्यम से सुगम बनाना :
    • विमान लीजिंग और वित्तपोषण
    • बुलियन ट्रेडिंग
    • फिन टेक
    • बीमा/पुनर्बीमा
    • बैंकिंग
    • निधि प्रबंधन
    • ग्लोबल-इन-हाउस केंद्र
    • अन्य
  • विदेशी वित्तीय विनियामकों/प्राधिकरणों के साथ आपसी सहयोग को मजबूत करने के लिए आईएफएससीए द्वारा द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने के लिए मंत्रिमंडल टिप्पणी तैयार करना
  • आईएफएससीए और जीआईएफटी सिटी द्वारा अंतरराष्ट्रीय संपर्क की सुविधा प्रदान करना
  • आईएफएससी में व्यापक विनियमों और नए वित्तीय उत्पादों/सेवाओं को सक्षम करने के लिए सेबी, आरबीआई, आईआरडीएआई, पीएफआरडीए के बीच अंतर विनियामक समन्वय बढ़ाना।
  • आईएफएससीए के लिए बजटीय सहायता और प्राधिकरण के वेतन, भत्ते और अन्य स्थापना व्यय पर व्यय के लिए केंद्र सरकार से अनुदान का अंतरण
  • आईएफएससीए मुख्यालय परियोजना, सुपर-टेक परियोजना और फिनटेक प्रोत्साहन योजना सहित आईएफएससीए को स्वीकृत परियोजनाओं और योजनाओं का पर्यवेक्षण करना
  • सभी मंत्रिमंडल टिप्पणियों के मसौदे की जांच करना और टिप्पणियाँ प्रस्तुत करना
  • विभिन्न आर्थिक और वित्तीय संवादों के तहत आईएफएससी के विकास से संबंधित कार्य-सूची मद को सुदृढ़ करना

संस्थाएँ : अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए)
बाह्य प्रादेशिक प्रभार : शून्य
मंत्रालय/विभाग : शून्य
राज्य : शून्य
विधान : अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण अधिनियम, 2019

अधिकारियों का विवरण :


अंतरराष्ट्रीय सहयोग (आईसी)

  • अंतरराष्ट्रीय और द्विपक्षीय वित्तीय सहयोग से संबंधित मुद्दे
  • मुक्त व्यापार समझौतों के तहत वित्तीय सेवाओं से संबंधित वार्ताएं :
    • भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए)
    • भारत-ओमान व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए)
    • भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए)
    • भारत-पेरू मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए)
    • भारत-श्रीलंका आर्थिक और प्रौद्योगिकी सहयोग समझौता (ईटीसीए)
  • द्विपक्षीय समकक्षों के साथ वित्तीय और विनियामक वार्ताओं के तहत विचार-विमर्श
    • भारत-ब्रिटेन वित्तीय बाजार वार्ता
    • भारत-जापान वित्त वार्ता के वित्तीय विनियामकों के साथ सत्र
    • भारत-अमेरिका वित्तीय और विनियामक वार्ता 4) आर्थिक कार्य विभाग– एनआईपीएफपी अनुसंधान कार्यक्रम
  • सुधार और वृद्धि के लिए वैश्विक सूचकांक (जीआईआरजी) के तहत वित्तीय विकास सूचकांक (एफडीआई) हेतु अगुवाई

संस्थान : शून्य
बाह्य प्रादेशिक प्रभार : शून्य
मंत्रालय/विभाग : शून्य
राज्य : शून्य
विधान : शून्य

अधिकारियों का विवरण :


विनियामक प्रतिष्ठान

सेबी से संबंधित मामले

  • सेबी के बोर्ड स्तर की नियुक्तियाँ और संबंधित नियम और कानून
    • एफएसआरएएससी का गठन
    • विज्ञापनों का प्रकाशन
    • आवेदनों की प्राप्ति और जांच
    • एफएसआरएएससी की बैठकों का समन्वय
    • एसीसी की मंजूरी प्राप्त करना
  • सेबी के अवस्थापना संबंधी मामले
  • सेबी अधिनियम, 1992 और संबंधित नियमों/विनियमों का प्रशासन
  • भारत की समेकित निधि में धन प्रेषण
  • सेबी के अध्यक्ष के विदेश दौरे
  • विदेशी प्रतिनिधिमंडलों की बैठकों की मेजबानी करना और आवश्यक मंजूरी प्राप्त करना
  • संसद के मामले: संसद संदर्भ, अधिसूचनाएं और सेबी वार्षिक रिपोर्ट और वार्षिक लेखा और लेखा परीक्षा रिपोर्ट दोनों सदनों के पटल पर रखना
  • शिकायतें

एसएटी से संबंधित मामले

  • एसएटी के पीठासीन अधिकारी, न्यायिक सदस्य, तकनीकी सदस्य और रजिस्ट्रार के पद पर नियुक्ति और संबंधित नियम और विनियम
  • एसएटी के स्थापना मामले
  • एसएटी और संबंधित मामलों के लिए बजट का अनुदान
  • एसएटी में पदों का सृजन एवं संबंधित नियम
  • एसएटी के लिए अतिरिक्त कार्यालय स्थान का निर्माण
  • एसएटी में ई-कोर्ट का कार्यान्वयन
  • शिकायतें

संस्थाएँ : भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड और प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण
बाह्य क्षेत्रीय प्रभार : शून्य
मंत्रालय/विभाग : क्षेत्रीय प्रभार - राजस्व विभाग और वित्तीय सेवाएं विभाग
राज्य : शून्य
विधायन : सेबी अधिनियम, 1992; ट्रिब्यूनल सुधार अधिनियम 2021 और ट्रिब्यूनल (सेवा की शर्तें) नियम, 2021

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